ग्राम पंचायत मुड़पार में परंपरा और आस्था से ओत-प्रोत भोजली विसर्जन समारोह बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ संपन्न हुआ।
बाजे-गाजे की गूंज,पारंपरिक गीतों की मधुर स्वर लहरियां और ग्रामवासियों का उमंग से भरा चेहरा इस अवसर को यादगार बना गया। पंचायत एवं ग्राम वासियों की सक्रिय उपस्थिति ने इस आयोजन को विशेष महत्व प्रदान किया।भोजली प्रतियोगिता में दिखा उत्साह इस अवसर पर आयोजित भोजली प्रतियोगिता में ग्राम के विभिन्न हिस्सों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। सुबह से ही बाजार चौक पर चहल-पहल का माहौल रहा,जहां भोजली माता की पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। पूजा के बाद चयनकर्ताओं द्वारा विभिन्न प्रतिभागियों की भोजली की सुंदरता सजावट और पारंपरिकता के आधार पर मूल्यांकन किया गया। प्रतियोगिता में कुल 9 प्रतिभागियों को विजेता घोषित कर उन्हें पुरस्कृत किया गया।पुरस्कार वितरण के दौरान ग्रामवासियों ने विजेताओं का तालियों से स्वागत किया। आयोजन में युवा वर्ग से लेकर बुजुर्गों तक की सहभागिता देखने लायक थी। सरपंच हेमा भूपेंद्र साहू ने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल हमारी संस्कृति को जीवित रखते हैं बल्कि समाज में आपसी भाईचारा और एकता को भी मजबूत करते हैं।पारंपरिक गीतों के साथ विसर्जन यात्रा पुरस्कार वितरण के बाद भोजली माता का विसर्जन किया गया। विसर्जन यात्रा में ग्रामीण महिलाएं और युवतियां पारंपरिक गीत गाते हुए,थाल में फूल और प्रसाद लेकर,पूरे गांव में घूमीं। बाजे-गाजे की धुन पर बच्चे और युवा नृत्य करते हुए आगे बढ़ते रहे। यात्रा नहर तक पहुंचने पर श्रद्धापूर्वक भोजली माता का जल में विसर्जन किया गया।ग्राम सरपंच हेमा भूपेंद्र साहू ने बताया कि भोजली विसर्जन हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है और इसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाना हमारा दायित्व है। उन्होंने ग्रामवासियों से आग्रह किया कि ऐसे आयोजनों में सभी लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लें ताकि नई पीढ़ी भी इन परंपराओं से जुड़ी रहे।संपूर्ण गांव में उत्सव का माहौल पूरे आयोजन के दौरान ग्राम पंचायत मुड़पार में उत्सव जैसा माहौल रहा।महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सजी-धजी थीं,वहीं पुरुष और बच्चे भी उत्साह से लबरेज़ दिखे। भोजली माता के गीतों और लोक धुनों ने माहौल को और भी भक्ति और आनंद से भर दिया।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे,जिनमें पंच-सरपंच,वरिष्ठ नागरिक,महिलाएं और बच्चे शामिल थे। सभी ने इस सामूहिक आयोजन की सराहना की और इसे सफल बनाने में सहयोग देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।भोजली विसर्जन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है,बल्कि यह ग्राम वासियों को एकजुट करने का भी माध्यम है। ऐसे आयोजनों से गांव की संस्कृति,कला और परंपरा को संरक्षित रखने के साथ-साथ सामाजिक सद्भाव को भी बढ़ावा मिलता है। ग्राम पंचायत मुड़पार का यह आयोजन आने वाले वर्षों के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण बनकर रहेगा।इस बीच सरपंच हेमा भूपेंद्र साहू,उप सरपंच अशोक कर्ष एवं समस्त पंच गढ़ और ग्राम वाशी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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