नगर में अलग अलग 3 बंगाली और 3 स्थानीय मूर्तिकार गढ़ रहे है प्रतिमा ...27 अगस्त से गणेश उत्सव का रहेगा धूम...शिल्पकला और AI डिज़ाइन से निखरे बालस्वरूप गणपति की धूम
धर्म एवं अध्यात्म की नगरी शिवरीनारायण (शबरीधाम) में इस बार गणेशोत्सव की रौनक देखते ही बन रही है। नगर में जगह-जगह मूर्तिकार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।
यहां के प्रमुख कलाकार लखन कुंभकार, धनेश कुंभकार और बसंत कुंभकार इस वर्ष विशेष आकर्षण बालस्वरूप गणपति हैं। प्रतिमाओं की कल्पना को और जीवंत बनाने में कलाकारों ने AI तकनीक से प्रेरणा ली है, जिसका असर प्रतिमाओं की भाव-भंगिमा, रंग संयोजन और मासूम चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है।
अब तक नगर में सभी 6 मूर्तिकारों की टिम ने छोटे बड़े प्रतिमा मिलाकर लगभग 5000 प्रतिमाएं तैयार की हैं। इनकी कीमतें ₹150 से लेकर ₹21,000 तक है विघ्नहर्ता गणेश प्रतिमाओं के साथ-साथ रिद्धि-सिद्धि और वाहन स्वरूप चूहा भी गढ़ा जा रहा है।
आसपास के खरौद, राहौद, गीधौरी, टुंडरा ,रिंगनी, बेल्हा, सलखन, देवरी, खोरसी, लोहरसी, सहित 50 किमी दायरे की समितियां पहले से ही बड़ी प्रतिमाओं के ऑर्डर बुक कर चुकी हैं। वहीं घर में विराजमान करने के लिए लोग रोज़ाना यहां पहुंचकर अपनी पसंद की प्रतिमाएं चुन रहे हैं।
नगर में 6 अलग-अलग स्थानों पर प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने का कार्य चल रहा है। इसमें स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ बंगाल से आए डॉ. विश्वाश (बंगाली मूर्तिकार), पवन पाल, मनिमोहन पॉल सहित छत्तीसगढ़ के दिलीप देवांगन व लखन कुंभकार परिवार सहित पूरी श्रद्धा और मेहनत से प्रतिमाएं तैयार कर रहे हैं।
एक ग्रामीण श्रद्धालु ने प्रतिमाओं की प्रशंसा करते हुए कहा –
“इन कलाकारों ने मूर्तियों को इतना जीवंत बना दिया है कि लगता है जैसे स्वयं विघ्नहर्ता हमारे बीच विराजमान हो गए हों।
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