Saturday, October 11, 2025

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के मित्र रहे हैं महंत रामगोपाल दास महाराज

छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक वयोवृद्ध वैष्णव संत  117 वर्ष की आयु में भी सक्रिय



धर्म स्तंभ काउंसिल के सभापति डॉ. सौरव निर्वाणी एवं महंत सुरेन्द्र दास महाराज ने देवरवटा आश्रम पहुँचकर छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक वयोवृद्ध वैष्णव संत महत श्री श्री 108 रामगोपाल दास महाराज से भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।117 वर्ष की दुर्लभ आयु में भी सक्रिय महाराज का यह दीर्घायु जीवन उनकी सनातन आस्था, अनुशासन और भक्ति का जीवंत प्रमाण है। महंत रामगोपाल दास महाराज का जीवन छत्तीसगढ़ की वैष्णव परंपरा और संत संस्कृति का जीवंत इतिहास माना जाता है।वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के मित्र एवं आध्यात्मिक मार्गदर्शक भी रहे हैं। ऐतिहासिक आलेखों के अनुसार, राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने रायपुर स्थित दूधाधारी वैष्णव मठ में पहुँचकर महंत रामगोपाल दास महाराज से साक्षात भेंट की थी।इस पावन अवसर पर डॉ. सौरव निर्वाणी ने कहा महंत रामगोपाल दास महाराज छत्तीसगढ़ की संत परंपरा के जीवंत प्रतीक हैं। उनका जीवन संतत्व, सादगी और सेवा का आदर्श उदाहरण है। धर्म स्तंभ काउंसिल स्वयं को अत्यंत सौभाग्यशाली मानती है कि हमें उनके दर्शन और आशीर्वाद का अवसर प्राप्त हुआ।उन्होंने आगे बताया कि आगामी चौंसठ महंत उत्सव में महाराज को सादर आमंत्रित किया गया है। यह उत्सव छत्तीसगढ़ के मठ-मंदिरों और संत परंपरा की एकता, गरिमा एवं स्वाभिमान का प्रतीक होगा।महंत सुरेन्द्र दास महाराज ने इस आध्यात्मिक मुलाकात पर कहा देवरघटा आश्रम के महाराज छत्तीसगढ़ की साधु परंपरा के वटवृक्ष हैं। उनका सानिध्य और मार्गदर्शन हम सभी के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा और दिशा का स्रोत है।इस अवसर पर धर्म स्तंभ काउंसिल के अन्य प्रतिनिधियों के साथ-साथ वैष्णव परंपरा से जुड़े अनेक संत-महात्मा एवं साधुजन भी उपस्थित रहे।

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